'तत्त त्वम् असि' भारत के पुरातन हिन्दू शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित चार महावाक्यों में से एक, जिसका अर्थ है - "वह तुम ही हो"। यह अध्यात्म का मूल है। तुम जिसकी खोज में भटक रहे हो, वह तुम ही हो। जिसे तुम हासिल करना चाहते हो, जो तुम्हारे समस्त दुखों का कारण है, वह तुम ही हो। 'ताश्री' एक खोज है। कहानी के मुख्य किरदार ताश्री और नंदिनी कुछ खोज रहे हैं, मगर दोनों की मंज़िल एक ही है
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